सकारात्मक सोच
अपने दिन की शुरुआत को बेहतर बनाने के लिए सबसे पहले जल्दी उठकर सुबह उगते हुए सूरज को देखो यह हमे प्रेरित करता है और मन की शांति एवं दिन को अच्छा बनाने के लिए पार्क आदि में घूमने के लिए जाएं व व्यायाम आदि क्रियाएं करने के पश्चात स्नान आदि कर थोड़ा समय ईश्वर का ध्यान करें इससे आपके मन में बुरे विचार नहीं आएंगे और चित्त की शुद्धि एवं मन भी प्रसन्न रहेगा आपको एक अध्यात्मिक खुशी मिलेगी और सारा दिन आपका खुशी से गुजरेगा जिससे आपको नेगेटिविटी नहीं आएगी यदि हमारे दिन की शुरुआत एक सकारात्मक सोच से होगी तो हम सारा दिन भी अच्छा रहेगा जिससे नेगेटिव थॉट्स हमारे मन में नहीं आएंगे।
अपने दिन की शुरुआत को बेहतर बनाने के लिए सबसे पहले जल्दी उठकर सुबह उगते हुए सूरज को देखो यह हमे प्रेरित करता है और मन की शांति एवं दिन को अच्छा बनाने के लिए पार्क आदि में घूमने के लिए जाएं व व्यायाम आदि क्रियाएं करने के पश्चात स्नान आदि कर थोड़ा समय ईश्वर का ध्यान करें इससे आपके मन में बुरे विचार नहीं आएंगे और चित्त की शुद्धि एवं मन भी प्रसन्न रहेगा आपको एक अध्यात्मिक खुशी मिलेगी और सारा दिन आपका खुशी से गुजरेगा जिससे आपको नेगेटिविटी नहीं आएगी यदि हमारे दिन की शुरुआत एक सकारात्मक सोच से होगी तो हम सारा दिन भी अच्छा रहेगा जिससे नेगेटिव थॉट्स हमारे मन में नहीं आएंगे।
नेगेटिव लोगो से दूर रहे
जो लोग नेगेटिव फैलाते हैं उनसे दूर रहे हैं अक्सर देखा जाता है कि लोगों के ग्रुप में 2-4व्यक्ति ऐसे भी होते है जिसमें नेगेटिव एनर्जी बहुत ज्यादा होती है जो अधिक निराश और उदास रहते है हम उन लोगो के साथ अधिक समय बिताते हैं तो हम भी उनकी तरह निराश होने लगते हैं।उनका प्रभाव कहीं ना कहीं हम पर भी होता है इसलिए उन negative लोगों के साथ कम समय व्यतीत करें और उन लोगों के साथ अधिक समय रहे जो पॉजिटिव सोचते हैं।
जो लोग नेगेटिव फैलाते हैं उनसे दूर रहे हैं अक्सर देखा जाता है कि लोगों के ग्रुप में 2-4व्यक्ति ऐसे भी होते है जिसमें नेगेटिव एनर्जी बहुत ज्यादा होती है जो अधिक निराश और उदास रहते है हम उन लोगो के साथ अधिक समय बिताते हैं तो हम भी उनकी तरह निराश होने लगते हैं।उनका प्रभाव कहीं ना कहीं हम पर भी होता है इसलिए उन negative लोगों के साथ कम समय व्यतीत करें और उन लोगों के साथ अधिक समय रहे जो पॉजिटिव सोचते हैं।
मन में ईर्ष्या ना रखें
कभी-कभी नेगेटिविटी अपने अंदर ही होती है। कभी-कभी हम दूसरों को देखकर ईर्ष्या करते हैं और अंदर ही अंदर दुखी होते हैं अपने मन को जलाते हैं। जो हमारे अंदर नेगेटिविटी को भर देती हैं इसके लिए पहले हमें अपने अंदर के ईर्ष्या भाव को खत्म करना होगा अपने दिल से बुरे विचार खत्म करने होगे और अपने नजरिए को भी बदलकर नेगेटिविटी को पॉजिटिविटी में बदल सकते।
कभी-कभी नेगेटिविटी अपने अंदर ही होती है। कभी-कभी हम दूसरों को देखकर ईर्ष्या करते हैं और अंदर ही अंदर दुखी होते हैं अपने मन को जलाते हैं। जो हमारे अंदर नेगेटिविटी को भर देती हैं इसके लिए पहले हमें अपने अंदर के ईर्ष्या भाव को खत्म करना होगा अपने दिल से बुरे विचार खत्म करने होगे और अपने नजरिए को भी बदलकर नेगेटिविटी को पॉजिटिविटी में बदल सकते।
हटाओ negative चीजों को
वह वस्तु, व्यक्ति, स्थान, चित्र, घटना जिसे देखकर या सुनकर आपके मन में नेगेटिविटी आती हो तो सबसे पहले उन्हें अपनी आंखों से दूर करें। और ऐसी जगह पर न जाओ जो आपको निराशा से भर देती हो और ऐसे लोगों को भी दूर करो जो नेगेटिव हो। सबसे अहम है कि खुद को स्ट्रांग बनाओ। हम खुद को स्ट्रांग बनाओगे तो यह नेगेटिव थॉट्स हमारा कुछ नहीं कर पाएंगे। इसके लिए आप मोटिवेट करने वाले वीडियो देख सकते हैं मन को अच्छे लगने वाले गाने सुन सकते हैं या ऐसी जगह विजिट कर सकते हैं जो आपको पसंद हो।
वह वस्तु, व्यक्ति, स्थान, चित्र, घटना जिसे देखकर या सुनकर आपके मन में नेगेटिविटी आती हो तो सबसे पहले उन्हें अपनी आंखों से दूर करें। और ऐसी जगह पर न जाओ जो आपको निराशा से भर देती हो और ऐसे लोगों को भी दूर करो जो नेगेटिव हो। सबसे अहम है कि खुद को स्ट्रांग बनाओ। हम खुद को स्ट्रांग बनाओगे तो यह नेगेटिव थॉट्स हमारा कुछ नहीं कर पाएंगे। इसके लिए आप मोटिवेट करने वाले वीडियो देख सकते हैं मन को अच्छे लगने वाले गाने सुन सकते हैं या ऐसी जगह विजिट कर सकते हैं जो आपको पसंद हो।
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