Wednesday, May 29, 2019

आप जानते हो खुद को भी ??


जिसे आप सबसे अच्छे से जानते हो, वह कोई और नही आप खुद हैं। आपसे ज्याद कोई ओर आपको नही जानता। आप जानते हैं की तीन श्रेणी के स्वभाव वाले लोग हमारे आसपास होते हैं और हमें पता भी नहीं होता। सभी लोग एक जैसे नहीं होते सभी के स्वभाव में जमीन आसमान का अंतर होता है स्वभाव के कारण से ही लोगों की श्रेणियां निर्धारित होती है जैसे, 

1. नीच श्रेणी
2. मध्यम श्रेणी
3. उत्तम श्रेणी
इनके विषय में विस्तार से बताते हैं कि कौन से लोग किस श्रेणी में आते हैं,
नीच श्रेणी
  नीच श्रेणी के लोग वह होते हैं जो हारने के डर से, बाधाओं के डर से, और रुकावट के डर से किसी भी काम को आरंभ(शुरू) ही नहीं करते के सबसे बड़े डरपोक और कायर होते हैं जैसे कि कोई व्यक्ति किसी race में हारने के डर से उस race में भाग ही ना ले।
माध्यम श्रेणी

मध्यम प्रकृति के लोग काम शुरू तो कर देते हैं लेकिन बाधाओं और रुकावट आती से जल्दी ही दुखी होकर उस कार्य को बीच में ही अधूरा छोड़ देते हैं अब रास्ते पर चलना है तो मेहनत तो करनी होगी और बाधाएं तो हर किसी के हर काम में आती है परंतु इसका मतलब यह नहीं कि उस बाधाओं से उस शुरू किए काम को अधूरा ही छोड़ दे जैसे race में भाग लिया पर भागते भागते थक गए, तो रेस को अधूरा ही छोड़ दिया और हार गए।

उत्तम श्रेणी
उत्तम प्रकृति के लोग बाधाओं से पीड़ित होकर भी शुरू किए काम को कभी अधूरा नहीं छोड़ते। विघ्न उनके कार्य को बाधा नहीं बनती और वह शुरू किये कार्य को पूरा करके ही छोड़ते हैं। वह बाधाओं से कभी घबराते नहीं हैं और उन्हें बिना डरे आसानी से पार करते हैं। इस प्रकार उत्तम श्रेणी के लोग ही असल में प्रशंसा के लायक हैं। जो किसी भी तरह अपने काम को मेहनत से पूरा करते हैं। हारने का डर वो अपने मन में नही लाते।

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